Chhattisgarh

कुसमुंडा में लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण की मांग को लेकर 5 घंटे खदान बंद किया भू विस्थापितों ने

सतपाल सिंह

कुसमुंडा में लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण की मांग को लेकर 5 घंटे खदान बंद किया भू विस्थापितों ने

बिलासपुर मुख्यालय में चर्चा के साथ एक माह में लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण के आश्वाशन

छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में भूविस्थापितों के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण की मांग को सुबह 6 बजे से कुसमुंडा खदान के अंदर सतर्कता चौक के पास कोयले के सभी गाड़ियों को रोक दिया आंदोलन में बड़ी संख्या में भू विस्थापित शामिल थे।

प्रशांत झा ने कहा कि एसईसीएल के कुसमुंडा,गेवरा,दीपका,कोरबा सभी क्षेत्रों के भू विस्थापितों के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकार के लिए एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है जिससे भू विस्थापितों के सब्र का बांध टूट चुका है। एसईसीएल के अधिकारियों का ध्यान केवल भू विस्थापितों के अधिकारों को छीन कर आपस में लड़वाकर केवल कोयला उत्पादन को बढ़ाने और उच्च अधिकारियों को खुश करने की है जिसमें जिला प्रशासन भी एसईसीएल के साथ खड़ी है प्रबंधन और प्रशासन पहले एकजुट था अब सभी भू विस्थापित अपने अधिकार को लेने के लिए एकजुट हो रहे है अब भू विस्थापित किसानों की एकजुटता के सामने कोई प्रबंधन टिकने वाली नहीं है।

भू विस्थापित संघ के नेता रेशम यादव,दामोदर,सुमेंद्र सिंह ठकराल,के साथ बढ़ी संख्या में भू विस्थापितों ने संबोधित किया और सभी ने एकजुट होकर एसईसीएल के खिलाफ संघर्ष करने का ऐलान करते हुए कहा कि एसईसीएल पर भू विस्थापितों को भरोसा नहीं है एसईसीएल को कार्य धरातल पर करते हुए कार्यों का रिजल्ट दिखाना होगा हर बार आंदोलन के बाद झूठा आश्वाशन प्रबंधन देता है जब तक निर्णायक निर्णय भू विस्थापितों के पक्ष में नहीं होगा तब तक कोयला परिवहन को बार बार बंद करेगा। 

किसान सभा और भू विस्थापित संगठनों की *मांग* है की वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलो का जल्द से जल्द निराकरण किया जाये जिनकी भी जमीन अधिग्रहण की गई है उन्हे बिना शर्त रोजगार प्रदान किया जाए|

एसईसीएल के आश्वाशन से थके भू विस्थापितों ने अब आर पार लड़ाई लड़ने के लिए किसान सभा के नेतृत्व में सड़कों पर उतर कर विरोध शुरू कर दिया है। किसान सभा ने एलान करते हुए कहा है कि भू विस्थापितों के समस्याओं पर सकारात्मक पहल कदमी नहीं होने पर जिले से बाहर जाने वाले कोल परिवहन को अनिश्चित कालीन बंद किया जायेगा। 

5 घंटे खदान बंद के बाद कुसमुंडा में कोल परिवहन पूर्ण रूप से बंद होने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया बिलासपुर मुख्यालय से वार्ता के बाद अधिकारियों ने सीएमडी कार्यालय में चर्चा कर तत्काल रोजगार प्रकरणों के आश्वाशन के बाद हड़ताल समाप्त हुआ। 

हड़ताल में प्रमुख रूप से बृजमोहन ,दीनानाथ,होरी,हरिहर,नौशाद,जय कौशिक,मानिक, डुमन,मुनिराम,अनिल,कृष्णा,आनंद,उत्तम,हरिशरण,जितेंद्र,चंद्रशेखर,परस,अनिरुद्ध,रघुनंदन,लंबोदर,विष्णु के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित शामिल थे।

 

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